Wednesday, July 9, 2008

Meri Maa

मेरी माँ ही मेरी सबकुझ है
जन्नत है मेरी दुनिया है
सुंदर भी है और तेज भी
सबको देखे और समझे भी
हर मुस्किल से वो हमें बचाए भी
नज़र बचाए और कला टिका हमें लगाये भी
वो माँ हे मेरी जो मुझको ख़ुद से झिपये भी।
सबकुझ झेले कुझ न बोले,
दुनिया में सबसे अलबेली हे वोह

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